देश के लिए सबसे प्रलयकारी समय साबित हो रहे इस कोरोना काल में प्रवासी मजबूरों के मुद्दे ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र और यूपी की सत्तारूढ़ योगी सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रही है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
दरअसल, मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा है कि केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के विवाद में लाखों प्रवासी बुरी तरह से पिस रहे हैं। उन्होंने अपने इस ट्वीट में कहा कि केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अभी भी बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण। जरूरी है कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें ताकि कोरोना की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके।
उन्होंने आगे लिखा कि वैसे भी चाहे बीजेपी की सरकारें हों या फिर कांग्रेस पार्टी की, कोरोना महामारी व लम्बे लॉकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों व मेडिकलकर्मियों के हितों की उपेक्षा व प्रताड़ना जिस प्रकार से लगातार की जा रही है वह भी उचित व देशहित में कतई नहीं है। सरकारें तुरन्त ध्यान दें।
इसके पहले भी उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने लिखा था कि आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव-शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता।
इस पर कांग्रेस ने मायावती पर पलटवार कर उन्हें ‘ट्विटर बहनजी’ बताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मायावती भाजपा की भाषा बोलती हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि ‘ट्विटर बहनजी’ जिस तरह की भाषा और ट्वीट का इस्तेमाल कर रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वह बीजेपी का प्रेस नोट बनाकर भेजती हैं। वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता पर नाराज महसूस करती हैं। कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजलाल खाबरी आरोप लगाया कि मायावती और दलित विरोधी भाजपा में अंदरखाने समझौता हो गया है और मायावती बीजेपी की अघोषित प्रवक्ता हैं।