लखनऊ. राजधानी स्थित डॉ किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। मेडिकल काउसिल ऑफ इंडिया द्वारा किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में डीएम कोर्स शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जरनल डाॅ बिपिन पुरी ने बताया कि वह पूर्व डीजीएएफएमएस और प्रसिद्ध बाल रोग सर्जन की विरासत को आगे बढ़ाने के साथ ही संस्था में महत्वपूर्ण विभागों एवं चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में सुधार करने के प्रति कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के बीच अपने पदभार संभालने के तत्काल बाद ही केजीएमयू में प्रदेश का सबसे बड़ा प्लाजमा बैंक शुरू किया गया है और राज्य में कोविड-19 रोगियों के प्रबंधन के लिए शीघ्र ही 300 बेड वाला कोविड अस्पताल स्थापित किया जाना सुनिश्चत किया गया है।
क्रिटिकल केयर सेवा को बल देगा यह कोर्स
कुलपति डॉ बिपिन पुरी ने कहा कि पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा डीएम कोर्स शुरू करना उत्तर प्रदेश में पहली बार पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर सेवाओं को बढ़ावा देने वाला है और लंबे समय से इस कोर्स की कमी को महसूस किया जा रहा था, जो विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ वेद प्रकाश के अथक प्रयास एवं प्रख्यात पल्मोनोलाॅजिस्ट लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ प्रोफेसर बीएनबीएम प्रसाद और डाॅ अभिजीत सिंह के सहयोग के कारण आज पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि देश में पीजीआई चंडीगढ़, ऐम्स एवं केजीएमयू जैसे कुछ ही संस्थान है जहां डीएम कोर्स का पाठ्यक्रम उपलब्ध है।
इस अवसर पर पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष, डाॅ वेद प्रकाश ने कहा कि यह विभाग स्टेट आॅफ आर्ट सुविधाओं के रूप में विकसित हुआ है जिसमें आरआईसीयू/ सीसीयू/ एचडीयू/वार्ड और इंटरवेंशनल पल्मोनरी यूनिट में कुल 60 बेड की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस विभाग का उद्घाटन वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था और इसकी शुरुआत से ही जरूरतमंदों, विशेषकर गरीबों को चौबीसों घंटे उच्च गुणवत्ता वाली पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ऐसे समय में जब गरीबों के लिए महत्वपूर्ण देखभाल सेवाएं महंगी और पहुंच से दूर हो गई हैं, परन्तु इस विभाग ने कई बाधाओं के बावजूद, विशेष रूप से दुर्घटना पीड़ितों को सर्वोत्तम महत्वपूर्ण देखभाल चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान की हैं जो गरीब हैं और बीमा के दायरे में नहीं आते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि 2017 के बाद से, 17,000 से अधिक रोगियों को ओपीडी सुविधा प्रदान की गई और जिसमें गहन चिकित्सा में 4000 से अधिक रोगियों को विभाग में भर्ती कर उपचार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा फेफड़े के कैंसर के सैकड़ों रोगियों के लिए कीमोथेरेपी सुविधा भी प्रदान की है।