चीनी हुवावे को टक्कर देगा रिलायंस जियो, अमेरिका में हुई 5जी तकनीक की सफल टेस्टिंग

0
मुकेश अंबानी
फ़ेसबुक, जियो के प्लैटफ़ॉर्म्स में ₹43,574 करोड़ का निवेश कर 9.99% की हिस्सेदारी लेगा

रिलायंस जियो की 5जी तकनीक का अमेरिका में सफल परीक्षण हुआ है। इस टेस्टिंग के बाद चीनी कंपनी हुवावे को रिलायंस जियो से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। कोरोना महामारी के चलते बहुत से देशो ने चीनी कंपनी हुवावे प्रतिबंध लगाया हुआ है। ऐसे में घरेलू संसाधनों से विकसित रिलायंस जियो की 5जी तकनीक को चीनी कंपनी हुवावे के लिए झटका माना जा रहा है। हुवावे पर प्रतिबंध के चलते बहुत सी विदेशी कंपनियां और सरकारें 5जी टेक्नोलॉजी के लिए जियो के पाले में आ सकती हैं।

 

अमेरीकी टेक्नोलॉजी फर्म क्वालकॉम के साथ मिलकर रिलायंस जियो अमेरिका में अपनी 5जी टेक्नोलॉजी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स का परीक्षण कर रही है। मंगलवार को अमेरिका के सैन डियागो में हुए एक वर्चुअल एवेंट में रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमान ने यह घोषणा की। मैथ्यू ओमान ने बताया कि क्वालकॉम और रिलायंस की सब्सिडरी रेडिसिस के साथ मिलकर हम 5जी तकनीक और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स पर काम कर रहे हैं ताकि भारत में इसे जल्द लॉन्च किया जा सके।

 

रिलायंस जियो ने क्वालकॉम के साथ मिलकर कुछ ऐसे 5जी प्रोडक्ट बनाए हैं जिन्हें 1000 एमबीपीएस से अधिक की स्पीड पर टेस्ट किया गया है। टेस्टिंग के लिए 5जी तकनीक रिलायंस जियो ने मुहैया कराई है।

 

लगभग तीन महीने पहले 15 जुलाई को रिलायंस की इंडस्ट्री की आमसभा में रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी ने 5जी टेक्नोलॉजी के ईजाद की घोषणा की थी। इस स्वदेशी तकनीक को देश को सौंपते हुए मुकेश अंबानी ने कहा था कि 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होते ही रिलायंस जियो 5जी तकनीक की  टेस्टिंग के लिए तैयार है। टेक्नोलॉजी के निर्यात को लेकर कंपनी ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। कंपनी सफल टेस्टिंग के बाद 5जी तकनीक के निर्यात पर जोर देगी।

 

हलांकि भारत में अभी तक 5जी तकनीक की टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम  उपलब्ध नही हो पाया है। पर अमेरिका में रिलायंस जियो की 5जी तकनीक का सफल परीक्षण कर लिया गया। तकनीक ने पूरी तरह से, सभी पैरामीटर पर अपने को बेहतरीन साबित किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here