उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार द्वारा बीती रात किये गए आईपीएस अधिकारियों के स्थानान्तरण समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व अखिलेश यादव को नागवार गुजरा है। अखिलेश यादव ने बुधवार को स्थानान्तरण का मामला उठाते हुए योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह काम पुलिस के मनोबल को गिराने वाला है।
अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट करके लिखा कि कोरोनाकाल में प्रशासनिक स्थायित्व की आवश्यकता सामान्यकाल से अधिक है, ऐसे में एडीजी व आईजी स्तर के 10 उच्चाधिकारियों का तबादला पुलिस के मनोबल को गिराने का काम है। सरकार अपनी नीतिगत असफ लता व केंद्र-राज्य के बीच समन्वय की कमी से बिगड़ी कानून-व्यवस्था का आरोप अधिकारियों पर लगा रही है।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के दौरान शासन ने प्रदेश में 10 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिये हैं। इसमें एडीजी कानून-व्यवस्था पी.वी.रामाशास्त्री को प्रभारी डीजी विजिलेंस की जिम्मेंदारी दी है। यह प्रभार अब तक डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी के पास था।
इसके अलावा 1990 बैच के आइपीएस प्रशांत कुमार को एडीजी कानून व्यवस्था का अहम पद मिला है। वह करीब तीन साल से मेरठ जोन में तैनात थे। उन्हें फील्ड का लंबा अनुभव भी है। एस.के.भगत को गृह विभाग में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है। अंजू गुप्ता को एडीजी पीटीसी मेरठ बनाया गया है। वहीं लक्ष्मी सिंह को आइजी लखनऊ रेंज में तैनात किया गया है। नीरा रावत को एडीजी वूमन पावर लाइन की जिम्मेदारी मिली है।