20 लाख करोड़ के पैकेज से लॉकडाउन 4.0 तक, पीएम के राष्ट्रसंबोधन की बड़ी बातें

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पीएम मोदी ने देश के उद्योग को सराहा, कहा- रोज बन रहे तीन लाख पीपीई किट
पीएम मोदी ने देश के उद्योग को सराहा, कहा- रोज बन रहे तीन लाख पीपीई किट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को सम्बोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया। इसके साथ ही यह भी कहा की संपूर्ण भारत में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए लॉकडाउन 4.0 लागू होगा लेकिन एक नए अंदाज और नयी रूपरेखा के साथ।

मंगलवार रात 8 बजे अपने राष्ट्र संबोधन में मोदी ने कहा कि राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी। पीएम ने कहा, “कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना, टूटना-बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।”

पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…

  • भारत में चाह भी है, राह भी है
  • आत्मनिर्भर भारत के पांच खंभे – इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेकनोलॉजी, डेमोग्राफी, डिमांड
  • 20 लाख करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी
  • भारत की जी़डीपी का दस प्रतिशत है ये पैकेज
  • लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉस का ध्यान रखा गया है
  • ये एमएसएमई, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग, हस्तशिल्प की मदद गरीब, श्रमिक, किसान, मछुआरे साथी, टैक्स देने वाले मध्यमवर्ग, उद्यमियों, उद्योग जगत के लिए है आर्थिक पैकेज
  • वित्त मंत्री देंगी आर्थिक पैकेज की विस्तार से जानकारी
  • लोकल को बनाएं अपना जीवन मंत्र, ग्लोबल भी शुरु में थे ऐसे ही लोकल
  • जब लोगों ने अपने लोकल पर गर्व किया तो वो लोकल से ग्लोबल बन गये
  • लोकल के लिए हर भारतवासी को वोकल बनना है; लोकल प्रोडक्ट खरीदने हैं, उनका प्रचार भी करना है
  • अपनी जिंदगी को कोरोना के इर्दगिर्द ही नहीं घूमने देंगे
  • हम आत्मकेंद्रित नहीं आत्मनिर्भर होते हुए भी संसार के सुख के प्रति सचेत
  • हमारी आत्मनिर्भरता वासुधैव कुटुंबकम् से प्रेरित है हमें आत्मनिर्भर होना ही होगा
  • भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, एन95 मास्क नहीं के बराबर उत्पादन होता था
  • आज रोजाना 2 लाख पीपीई किट और 2 लाख मास्क बन रहे हैं
  • हमें बचना भी है आगे बढ़ना भी है़; 21 वीं सदी भारत की होगी इसके लिए हमें आत्मनिर्भर होना होगा
  • टूटना, थकना, बिखरना, हारना मंजूर नहीं
  • ये आपदा अवसर लेकर आई है
  • हमारा संकल्प संकट से बड़ा होना चाहिए
  • जिन परिवारों ने अपनों को खोया उनके प्रति संवेदना

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