बलरामपुर के फार्मेसी स्टूडेंट ने आविष्कार की कोरोना जैकेट; जानें फायदे

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बलरामपुर के फार्मेसी स्टूडेंट ने आविष्कार की कोरोना जैकेट; जानें फायदे
बलरामपुर के फार्मेसी स्टूडेंट ने आविष्कार की कोरोना जैकेट; जानें फायदे

कोरोना के संकट में पूरी दुनिया में लोग दहशत में है। इस दहशत में लोग अपनी अपनी तरह से कोरोना से लड़ाई में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। डॉक्टर्स दिन रात कोरोना रोगियों के इलाज में जी जान से लगे हैं तो जनता से अपेक्षा की जा रही है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर खुद को कोरोना से बचाएं। इसी सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिेए बलरामपुर के एक युवक ने एक खास जैकेट का आविष्कार कर डाला है। यह युवक है डिप्लोमा फार्मेसी का छात्र आशुतोष पाठक।

क्या खास है इस जैकेट में–

आशुतोष बनाई गई ‘सुरक्षा कवच जैकेट’ आपसे दो गज़ दूरी का पालन करवा ही लेगी। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे होगा। दरअसल इस जैकेट को पहनने के बाद अगर कोई आपके ज्यादा करीब आएगा तो इस जैकेट का अलार्म बजने लगेगा। इतना ही नहीं जैकेट में लगी लाल बत्ती भी खतरे का संकेत देने लगेगी।

कैसे काम करती है यह जैकेट–

इस जैकेट में लगे सेंसर्स करीब सात मीटर तक की दूरी को भांप सकते हैं।यही नहीं ये जैकेट आपको चारों तरफ से सुरक्षित रखेगी,यानी किसी भी दिशा से पास आने वाले व्यक्ति के बारे में सचेत कर देगी।दरअसल इस जैकेट में लगे सेंसर्स 360 डिग्री की परिधि में काम करते हैं। जैकेट में लगा खतरे की लाल बत्ती और अलार्म तब तक बजता रहेगा जब तक आपके पास आया व्यक्ति आपसे दूर नहीं हो जाता।

कोरोना में भारतीय मेधा का जलवा—

कोरोना के वैश्विक संकट में एक बार फिर भारत के होनहार युवकों ने साबित कर दिया है कि वो मेधा के मामले किसी से कम नहीं हैं।चाहे पीपीई किट्स बनाने की पहल हो या फिर वेंटिलेटर्स का निर्माण ,भारत के लोगों ने इस आपदा में भी किसी अवसर को नहीं छोड़ा है। इस जज़्बे का ही असर है कि भारत जहां कोरोना की शुरुआत में पीपीई किट्स आयात करता था वहीं अब कई देशों को पीपीई किट्स निर्यात भी कर रहा है।आशुतोष पाठक जैसे युवा भी अपने स्तर पर इस लड़ाई में महत्वपूर्णे योगदान दे रहे हैं।

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