
अयोध्या। कोराना ने भले ही दुनिया में तबाही मचा रखी हो पर एक जगह है जहां पर कोरोना ने भी घुटने टेक दिए हैं। ये जगह है राम की जन्मभूमि यानी अयोध्या। देश के करीब 400 जिले जहां कोरोना से प्रभावित हैं और देश में लॉकडाउन 3.0 चल रहा हो पर अब तक राम की नगरी में एक भी कोरोना का मरीज नहीं पाया गया है। एक महिला के पाजिटिव होने की एक रिपोर्ट आई थी पर बाद में उस रिपोर्ट को गलत पाया गया।
एक महिला की रिपोर्ट ने बढ़ाई थी सबके दिलों की धड़कन
अयोध्या में अब तक एक गर्भवती महिला मरीज की प्राथमिक रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ये महिला छत्तीसगढ़ से आई थी और प्राइवेट पैथोलॉजी से कराई गयी उसकी कोविड 19 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद जहां उसकी जांच हुई थी उस पैथोलॉजी और जहां उसका इलाजा चल रहा था उस अस्पताल को सील कर दिया गया था। करीब 3 दर्जन लोगों को क्वारेंटीन भी किया गया था लेकिन बाद में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इतना ही नहीं क्वारेंटीन किए गये हर व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
अयोध्या में की मरीज नहीं ये राम की कृपा है
अयोध्या में कोरोना का एक भी मरीज नहीं पाया गया है इसे लेकर वहां के स्थानीय लोग इसे भगवान राम की कृपा मान रहे हैं। कई समाजिक संस्थाओं से जुड़े और अयोध्या के बड़े वकीलों में शुमार श्रवण मिश्रा कहते हैं ,’देखिए राम की नगरी में कोई कोरोना नहीं घुस सकता है। अयोध्या को आशीर्वाद है कि वहां पर कोई महामारी अपने विकराल रुप में नहीं रह सकती है।‘ सिर्फ वे ही नहीं अयोध्या में ज्यादातर लोग आपको ये रामचरित मानस की ये चौपाई सुनाते मिल जाएंगे
दैहिक दैविक भौतिक तापा
राम राज मंह कहूं ना व्यापा
स्थानीय प्रशासन कर रहा है बहुत मेहनत
लोगों के विश्वास और राम की कृपा के साथ एक सच्चाई जो अयोध्या में दिखी देती है वो है स्थानीय प्रशासन की मेहनत। अयोध्या के जिलाधिकारी के तौर पर अनुज कुमार झा को प्रदेश के काबिल आईएएस अफसरों में गिना जाता है। उन्हें कई महत्वपूर्ण विभागों में राज्य के स्तर पर काम करने का मौका मिला है। लाकडाउन के दो चरण बीतने के बाद लाकडाउन 3.0 की शुरुआत के पहले ही उन्होंने सभी तहसीलों में CDO, CMO, SDM, CO, समेत सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। अपनी रणनीति के महत्वपूर्ण हथियार मोहल्ला एवं ग्राम निगरानी समितियों से भी बातचीत कर नई रणनीति को धार दी है।